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"ब " बदले हैं दिन, बदले जीवन
पर बढ़ना जीवन में नित आगे !
वही जीत का सच्चा अधिकारी
जो बढ़ता नहीं निरंतर भागे !!
"द " दुःख दर्द की है बस एक दवा
असीम धैर्य और संतोष मात्र !
चलता है जो इसे यहां अपना के
वही बनता सच्चा योग्य सुपात्र !!
"ला " लाता चले जो यहां बदलाव
स्वयं और स्वयं की ज़िन्दगी में !
वही जीतता यहां पर है जंग
चलते हुए इस जीवन बंदगी में !!
"व " वक़्त से है नहीं बड़ा
यहां पर कोई भी मुकाम !
जो जीता बनके सच्चा और विनम्र
बनते चलें उसके यहां सब काम !!
"बदलाव " बदलाव की ये लहर
चले सदा से यूँ ही उछलती बहती !
जो जाए इसमें डूब उतर......,
तो ज़िन्दगी उसकी संवरती निखरती !!
बदलाव लाए सदा से ही
ज़िन्दगी में सकारात्मक परिवर्तन
और चलें सदा यहां मुस्कुराते हुए.......,
तो खिल-खिल जाए ये जीवन !!
बदलाव से हम कभी
तनिक ना भागें और ना घबराएं !
चलें संग साथ सभी के मिलके.......,
तो, उत्तम परिणाम सदा ही पाएं !!
बदलाव चले जीवन में सदा
बदलती दशा और जीवन दिशाएं !
चलें हम स्वीकार करते इसे.......,
और मानते प्रभु ईश्वर की इच्छाएं !!
अक्सर ऊँचाई पर वही लोग
पहुँचते हैं अपने जीवन मे यहां !
जो बदला लेने की सोच न रख....,
हरेक बदलाव को स्वीकार करते चलें यहां !!
अपर्णा "गौरी " 🪔
अदिति झा
27-Jun-2023 09:00 PM
Nice 👍🏼
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Shnaya
27-Jun-2023 05:48 PM
Nice 👍🏼
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Madhumita
27-Jun-2023 03:53 PM
Nice one
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